Sunday, October 18, 2020

बेनू (Bennu) – हमारे सौरमंडल के क्षुद्रग्रह में मिले जीवन के संकेत

आधुनिक युग में अन्तरिक्ष के कौतुहल से साक्षात्कार के लिए विश्व की अन्तरिक्ष संस्थाएं लगातार प्रयासरत हैं. इसी क्रम में अमेरिकी अन्तरिक्ष संस्थान नासा के ओसिरिस-रेक्स (OSIRIS-Rex) से अद्भुत जानकारी मिली है. यह अन्तरिक्ष यान विगत दो वर्षों से बेनू (Bennu 101955) नामक क्षुद्रग्रह का अध्ययन कर रहा है. पृथ्वी और मंगल के मध्य स्थित क्षुद्रग्रहों की पट्टी के इस क्षुद्रग्रह पर पृथ्वी के प्रारंभिक जीवन के संकेत मिले हैं. ओसिरिस-रेक्स (OSIRIS-Rex) को बेनू के पत्थरों में कार्बनिक पदार्थों की उपस्थिति का पता चला है, जिससे पृथ्वी के निर्माण के समय और उसमें जीवन की शुरुआत के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां मिल सकती हैं. 

इस क्षुद्रग्रह की सतह पर मौजूद चट्टानों की विविध संरचना, उसके गुरूत्व और असामान्य तरह के हीरे के आकार से इसके दो क्षुद्रग्रहों के मेल से बनने का सुनिश्चित विचार अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों को रहा है. दरअसल बेनू में दो प्रकार के चट्टानों का पता चला है परन्तु वे इतने मजबूत नहीं है की पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने पर बच सकें, इसलिए इस प्रकार के कार्बनिक संरचना युक्त चट्टानों को योजना अनुसार 2023 में सुरक्षित धरती पर लाकर अध्ययन करने से कई खोयी कड़ियाँ जुड़ सकती हैं जिसमें पृथ्वी के साथ हमारे ग्रह से टकराने वाले और पास से गुजरने वाले कई अन्य क्षुद्रग्रहों की जानकारियाँ भी मिल सकेंगी. 


सौरमंडल के निर्माण के समय ग्रह या उपग्रह में परिवर्तित न हो सके इन आकाशीय पिंडों में हमारे ग्रह के निर्माण के शुरुआती संकेत छिपे हुए हैं. शोधकर्ता एमी सिमोन का विचार है कि बेनू क्षुद्रग्रहों की पट्टी से पृथ्वी की ओर आया है. इससे इस बात को बल मिलता है की  पृथ्वी की निर्माण की प्रारंभिक अवस्था में अनेक पदार्थ हमारे ग्रह पर दूर से आए होंगे. कार्बोनेट, कार्बनिक और जलमिश्रित पदार्थों का बेनु पर समग्र उपस्थिति इस विचार की पुष्टि करता है कि क्षुद्रग्रह और धूमकेतु ही हमारे गृह पर जल तथा जीवन को पहुँचाने वाले वाहक हैं. 

वर्ष 2023 में इस बारे में स्थिति और स्पष्ट होगी. ओसिरिस-रेक्स (OSIRIS-Rex) का अभियान जारी है और संभवतः जल्द ही बेनू के सम्पूर्ण मानचित्र तैयार हो सकता है. 

बेनु से मिले संकेत काफी मिलेजुले से हैं जो उसकी संरचना विविधता और अन्य कारकों का कारण हो सकते हैं. ऐसे में शोधकर्ता बेनु के नमूनों का इंतजार कर रहे हैं जिससे उनके अध्ययन को पुष्टि और विस्तृत जानकारी मिल सकेगी.


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