Saturday, August 31, 2019

16 साइके (16 Psyche) – क्षुद्रग्रह या सोने से बना खरबों का धातु-भण्डार

अमरीकी अन्तरिक्ष संस्थान नासा – सुनहरे क्षुद्रग्रह के पीछे है जो धरती पर हर किसी को खरबपति बना सकता है (सैद्धांतिक रूप में) क्योंकि इसमें सोने और लोहे का अकूत भण्डार है जिसमें से केवल लोहे का भण्डार आज की कीमत में 8000000000000000000 डॉलर का है (कितनी है यह राशि आप ही गिनिये), सोने की कीमत की तो गणना ही नहीं.
16 साइके का काल्पनिक चित्रण 
है न अद्भुत सी बात, पर अनजाने अन्तरिक्ष में हर दिन आश्चर्यचकित करने वाली घटनाओं का एक पूरा अबूझ संसार है. ऐसी ही एक दुनिया है हमारे अपने सौरमंडल में – क्षुद्रग्रहों का एक पूरा लेकिन अव्यवस्थित संसार. इसी संसार में 16 साइके (16 Psyche) नामक एक विशाल क्षुद्रग्रह है जिसमें कीमती धातुओं का अतुल्य भण्डार है. लगभग 140 मील यह क्षुद्रग्रह या एस्टेरोइड, मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के मध्य रहकर अपनी कक्षा में सूर्य का चक्कर लगाता रहता है. इस क्षुद्रग्रह पर नासा 2022 में अभियान भेजना चाहता है. परन्तु इसकी वजह केवल ये कीमती धातु नहीं हैं, हालांकि खनन या माइनिंग उद्योग  के लोगों की लालची नजरें वसुधा को नष्ट करने के बाद अब सौरमंडल के इस संसार पर टिक गयी है.
प्रस्तावित अन्तरिक्ष यान का चित्रण 
नासा इस क्षुद्रग्रह के बारे में यह मानता है कि यह किसी ग्रह का कोर हो सकता है जो स्वतंत्र रूप से अन्तरिक्ष में परिक्रमारत है. पृथ्वी के कोर या केंद्र में भी कीमती धातुएं तरल रूप में तैरती रहती हैं परन्तु उन्हें निकाल पाना नामुमकिन है और धरती की स्थिरता के लिए निषिद्ध भी. इसलिए नासा का मुख्य उद्देश्य इस अभियान के पीछे यह जानना है कि क्या यह वास्तव में ही किसी पूर्व ग्रह का बाख गया केंद्र है. अगर ऐसा है तो हमें हमारी पृथ्वी और इसके सदृश्य अन्य ग्रहों के निर्माण की सबसे कठिन कड़ी जानने को मिल सकेगी.
वैसे 16साइके के अलावा UW -158 में प्लैटिनम का लगभग 90000000000 किलोग्राम का भण्डार है. परन्तु इन बेशकीमती नजरानों को इंसान की भूखी नजरों ने नुक्सान पहुँचाना शुरू किया, तो धरती से शुरु हुया तबाही का मंजर अन्तरिक्ष में भी देखने मिल जाएगा. वैसे भी कृत्रिम उपग्रहों के कबाड़ अन्तरिक्ष में प्रदूषण तेजी से उत्पन्न कर रहा है.

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