Monday, July 8, 2019

नासा की ‘टाइटन’ पर ड्रोन भेजन की भविष्य की योजना

काल्पनिक चित्र - ड्रैगनफ्लाई टाइटन की सतह के ऊपर उड़ता हुआ 

अमेरिकी अन्तरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने विगत सप्ताह ‘न्यू फ्रंटियर्स’ कार्यक्रम के अंतर्गत शनि ग्रह के सबसे विशाल और दिलचस्प चन्द्रमा टाइटन पर ड्रैगनफ्लाई (Dragonfly) नामक ड्रोन भेजने के प्रस्ताव की जानकारी दी है. यह ड्रोन परमाणु ईंधन से संचालित होगा. नासा टाइटन पर विशेष रूप से ध्यान दे रहा है क्योंकि सौर मंडल के इस अनोखे ग्रह पर जीवन हेतु आवश्यक सभी तत्वों की उपस्थिति की सम्भावना बहुत अधिक है. नासा के ग्रह विभाग की निदेशक (Director) ग्लेज़ के अनुसार यह ड्रोन 2026 में प्रक्षेपित होने की सम्भावना है. लगभग 85 करोड़ डॉलर का यह अभियान नासा के महत्वाकांक्षी ‘जीवन की खोज’ अभियान का अगला चरण है. आशा है कि यह टाइटन के बारे में हमारे ज्ञान का दायरा और विस्तृत करेगा. परन्तु अभी इसके लिए 15 वर्षों का इन्तजार है क्योंकि प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार यह 2034 में ही टाइटन पहुँच पायेगा.

नासा के अनुसार ड्रैगनफ्लाई लगभग 9 वर्ष में 84 करोड़ मील का सफ़र तय कर टाइटन पर पहुंचेगा. इसे टाइटन की सतह पर उतरने में लगभग 2 घंटे का समय लगेगा जिसमें यह धीरे-धीरे नीचे की ओर उतरेगा. टाइटन की सतह पर पहुँचने के पश्चात् आगामी 2.7 वर्षों तक यह 20 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से लगभग 2 मील ऊपर उड़ते हुए टाइटन के बारे में जानकारी एकत्रित करेगा. नासा के प्रस्ताव के अनुसार एक बार की उड़ान अधिकतम 5 मील की होगी और यह टाइटन के प्रति दिन (टाइटन में एक दिन हमारे 16 दिनों के बराबर होता है) इस रफ़्तार से आगे बढ़ते हुए इसके सभी महत्वपूर्ण भू-भागों के बारे में जानकारी एकत्रित करता रहेगा – विशेषकर इसमें बने रेतीले टापुओं के बारे में.

शायद इन्तेजार का फल बेहद शुभ निकले और हमें आश्चर्यों से भरी कोई अनजानी दुनिया का पता चल सके...

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