Thursday, June 28, 2018

भारतीय छात्रों ने बनाया सबसे हल्का 33 ग्राम का उपग्रह - (जयहिन्द 1एस)


चेन्नई के छात्र दुनिया के सबसे हल्के  उपग्रह के साथ - जयहिन्द 1एस
भविष्य के अन्तरिक्ष विज्ञानी और इंजिनियर की तलाश में देश-विदेश में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन आधुनिक युग में सामान्य सी बात है, परन्तु इनमें शामिल होने वाले विद्यार्थियों और आम-जनों का उत्साह हमेशा अभूतपूर्व होता है. सबसे जुदा और आगे निकलने की इस होड़ में ये मेधावी हमेशा कुछ न कुछ नया कर ही जाते हैं. 
 
गत दिनों चेन्नई में आयोजित एक ऐसी ही प्रतियोगिता में, जिसे चेन्नई स्थित ‘हिंदुस्तान तकनीकी और विज्ञान संस्थान (Hindustan Institute of Technology and Science)’ ने आयोजित किया था, इसी संस्थान के एरोस्पेस विभाग के विद्यार्थियों  ने दुनिया का सबसे हल्का कृत्रिम उपग्रह प्रदर्शित किया. इस उपग्रह का वजन केवल 33.39 ग्राम है. उन्होंने देश के सम्मान में इस उपग्रह का नाम जयहिन्द-1एस (Jai Hind-1S) रखा है. इस उपग्रह का निर्माण 3 डी प्रिंटेड का प्रयोग कर पी.एल.ए. नायलोन से किया गया है. 

मजे की बात है कि यह कोई प्रोटोटाइप नहीं है बल्कि एक पूर्ण कार्यकुशल उपग्रह है जिसको इसी साल अगस्त में अमेरिका के कोलोराडो स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित भी किया जाएगा. इस उपग्रह को तीन प्रयोगों के लिए तैयार किया गया है. इसका सबसे मुख्य उद्देश्य अल्प-गुरुत्व (Micro-gravity) में नायलोन की कार्यशीलता की जाँच करके भविष्य के उपग्रहों में इसकी उपयोगिता ज्ञात करना है. साथ ही मौसम की जानकारी, तापमान, अल्ट्रा-वोइलेट किरणों के सम्बन्ध में यह अध्ययन भी करेगा. यह राकेट के प्रक्षेपण पथ को समझने के लिए भी इसका इस्तेमाल होगा. 

काफी सारे प्रयोग पर समय बहुत कम!!! जी हाँ, यह केवल 15 से 20 घंटे ही कार्य कर पायेगा और इसकी अधिकतम रफ़्तार होगी 65 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे. इस उपग्रह में डाटा स्टोर करने के लिए माइक्रो एस-डी (Micro SD) कार्ड लगा है – वही मेमोरी कार्ड जो हम अपने मोबाइल में उपयोग करते हैं. 

अब, यह नन्हा सा उपग्रह कितना सफल होता है, भविष्य ही बताएगा ....:-)


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