Friday, June 15, 2018

क्या पृथ्वी के पास 20 चाँद थे!!!

पिछले कुछ दिन इतने ज्यादा व्यस्त रहे कि ऑनलाइन आने का लगभग मौका ही नहीं मिल पाया, अभी भी काफी देर से ही समय मिल पाया है तो पता चला की 2000 FACEBOOK LIKES का महत्वपूर्ण पड़ाव तो 3 दिन पहले ही पार हो चूका है. एक बार फिर से सभी पाठकों का शुक्रिया. 



मेरी आखिरी पोस्ट चाँद और पृथ्वी के आपसी संबंधों के ऊपर थी. आज उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हमारी धरती और चंदामामा की बात करेंगे. एक बात जो हम सभी जानते हैं कि बाह्य ग्रह चंद्रमाओं के मामले में बहुत समृद्ध रहे हैं, वहीँ आंतरिक चार ग्रहों के पास केवल 3 ही चन्द्रमा हैं. बुध और शुक्र उपग्रह विहीन हैं और मंगल के पास भी केवल दो ही चाँद हैं. फिर भी वैज्ञानिकों को हमेशा से धरती जैसे महत्वपूर्ण ग्रह के पास केवल एक चाँद का होना खटकता था. सोचिये तो कितना अच्छा होता कि हमारे पास भी काफी सारे चाँद होते. रात्रि आकाश की तो शोभा में चार चाँद, या यूं कहें की कई सारे चाँद लग जाते. परन्तु ऐसा हुआ तो नहीं. या शायद कभी हुआ भी था हो...


जी हाँ, यदि इसराइल के अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों के दल के दावे पर विश्वास किया जाए तो पृथ्वी के पास एक या दो नहीं वरन कुल 20 छोटे-छोटे चाँद थे. अब एक समय में कुल कितने चाँद थे, ये तो उन्होंने नहीं बताया है. पर उनका दावा है कि हमारा चाँद कोई पृथक आकाशीय पिंड नहीं है बल्कि मौजूदा चाँद की उत्पत्ति 20 छोटे-छोटे चंद्रमाओं के मिलने से हुयी है. उनके अनुसार अरबों वर्ष पूर्व जब पृथ्वी का निर्माण हुआ तब अन्तरिक्ष में आवारा धूमता कोई क्षुद्र ग्रह या पिंड, पृथ्वी से आ टकराया. इस टक्कर की वजह से पृथ्वी से काफी मात्रा में पदार्थ छिटक गया. इसका एक बड़ा हिस्सा तो अन्तरिक्ष में फ़ैल गया परन्तु बाकी बचा पदार्थ पृथ्वी का चक्कर लगाने लगा और कालांतर में पहले चन्द्रमा का निर्माण हुआ. इसी तरह की प्रक्रिया आगे भी चलती रही और दूसरे-तीसरे चन्द्रमा का निर्माण हुआ. करोड़ों वर्ष की बीतते-बीतते ये चन्द्रमा एक बड़े पिंड में परिवर्तित हुए और हमारा वर्तमान चाँद अस्तित्व में आया.  


इसके पूर्व चाँद की उत्पत्ति के विषय में जायंट हाइपोथीसिस सिद्धांत प्रचलित था. इसके अनुसार अरबों वर्ष पूर्व, पृथ्वी के निर्माण के बाद मंगल ग्रह के बराबर का एक ग्रह थिया, पृथ्वी से टकराया था. इस टक्कर से थिया से धूल और चट्टान जैसे तत्व पृथक हुए और चाँद का निर्माण हुआ. परन्तु वर्तमान खोजों में पाया गया है कि चन्द्रमा में पृथ्वी पर पाए जाने वाले तत्व ज्यादा मात्रा में मिले हैं, जिससे इसराइल के वैज्ञानिकों का तर्क है कि चाँद, पृथ्वी के ही पृथक हुए भागों से बना है. 


वैसे, पिछली बात को आगे बढ़ाये तो एक अद्भुत बात ये है कि अगर हमारा चाँद अचानक से गायब हो जाए यानि लुप्त हो जाए तो उसका गुरुत्वाकर्षण बंध नहीं रहेगा और पृथ्वी पूरे रफ़्तार से अपनी कक्षा में लट्टू की तरह घूमेगी. बहुत तेज- इतनी तेज की एक दिन केवल 6 घंटे का रह जाएगा. हैं न अजीब. फिर सोयेंगे कब और जागेंगे कब. तब तो किसी दिन सोयेंगे तो एक दिन छोड़ कर उठेंगे. काम के घंटे भी कुछ मिनट. 


मजेदार होगा न!!!

1 comment:

इस लेख और ब्लॉग के सम्बन्ध में आपके मूल्यवान विचारों का स्वागत है -
----------------------------------------------------------------------------------------------