Saturday, August 5, 2017

बृहस्पति का 350 वर्षों से जारी तूफ़ान - द ग्रेट रेड स्पॉट (जूनो की नजर से)


अन्तरिक्ष आश्चर्यों से भरा है और मानव अपनी जिज्ञासा के वशीभूत लगातार इन रहस्यों की खोज में लगा हुआ है. हमारे सौरमंडल के सबसे विशालकाय ग्रह बृहस्पति की तस्वीरों को आपने जब भी देखा होगा - उसमें एक बड़े से लाल धब्बे पर अवश्य आपकी नजर गयी होगी. महाग्रह पर इस विशालकाय धब्बे को वैज्ञानिक 'द ग्रेट रेड स्पॉट' के नाम से पुकारते हैं. यह धब्बा हमारी पृथ्वी से कई गुना बड़ा है और यह और कुछ नहीं बृहस्पति ग्रह पर जारी तूफ़ान है. जहाँ धरती पर कोई तूफ़ान अधिकतम कुछ घंटे या दिनों में शांत हो जाता है, महाग्रह में जारी यह तूफ़ान पिछले 350 वर्षों से जारी है और कब तक जारी रहेगा - कहा नहीं जा सकता.
द ग्रेट रेड स्पॉट (जूनो की नजर से)


महाग्रह का यह तूफ़ान या रेड स्पॉट शुरू से ही वैज्ञानिकों के लिए कौतुहल का विषय रहा है पर दुर्भाग्यवश कोई भी अन्तरिक्ष अभियान इस धब्बे के पास तक नहीं पहुँच पाया था. परन्तु इस वर्ष नासा का जूनो अन्तरिक्ष यान इस तूफ़ान से केवल साढ़े तीन हजार किलोमीटर ऊपर की दूरी तक पहुँचने में न केवल सफल हुआ है बल्कि इसने इस तूफ़ान की दुर्लभ तसवीरें और आंकड़े भी भेजे हैं जिनका अध्ययन जारी है. जल्द ही अन्तरिक्ष वैज्ञानिक बिरादरी को उम्मीद है कि हमारे सौर मंडल के इस कौतुहल के बारे में नवीनतम जानकारी प्राप्त होगी.

गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में ग्रहीय वातावरण विशेषज्ञ एमी साइमन ने नासा की प्रेस विज्ञप्ति में कहा, "अगर आप सौरमंडल के बाहर के किसी ग्रह से परावर्तित होती रोशनी को देखेंगे, तो आप यह भी नहीं बता सकते कि वह किस वस्तु से बनी है... सो, ज़्यादा से ज़्यादा अलग-अलग मामलों पर नज़र डालने से हम इस लायक हो सकते हैं कि मिली जानकारी को अन्य सौरमंडलों के ग्रहों के बारे में सीखने के लिए इस्तेमाल कर सकें..."

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