Sunday, May 14, 2017

मंगल ग्रह पर मानव बस्ती - बज एल्ड्रिन का भविष्य के प्रति दृष्टिकोण



मंगल ग्रह को आज वैज्ञानिक भविष्य का निवास स्थान मान रहे हैं और  नासा सहित विश्व की सभी अन्तरिक्ष संस्थाएं अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन ISS) को अन्तरिक्ष अध्ययन और मंगल ग्रह तक पहुचने के प्रयास में सर्वाधिक महत्वपूर्ण कड़ी मानते हैं, वहीँ अपोलो 11 अन्तरिक्ष अभियान के द्वारा चन्द्रमा की धरती पर कदम रखने वाले सबसे पहले मानवों में से एक बज एल्ड्रिन ऐसा नहीं सोचते.

एल्ड्रिन ने विगत 9 मई को मंगल पर मानव के सम्बन्ध में अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि यदि नासा और उसके सहयोगी संस्थाएं मंगल पर मानव ले जाने के बारे में वास्तव में गंभीर हैं तो उन्हें जल्द से जल्द अंतर्राष्ट्रीय अन्तरिक्ष केंद्र को बंद कर देना चाहिए. ऐसा कहने के पीछे उनकी वजह इस अभियान में प्रतिवर्ष आने वाला बहुत अधिक खर्च है. उनका मानना है कि नासा को निचली कक्षा से सम्बंधित कार्य निजी संस्थानों जैसे स्पेस-एक्स, ऑर्बिटल एटीके आदि को दे देना चाहिए. वैसे खुद नासा भी विगत दिनों में इन कंपनियों को अन्तरिक्ष केंद्र में सामान और इंधन के काम को सौंप कर उनके विचारों से सहमती प्रकट कर चुकी है.   

उनका कहना है कि इन कंपनियों को अन्तरिक्ष केंद्र से स्वतंत्र निचली कक्षाओं में ठिकाने बनाने चाहिए. उनका ये भी कहना है कि ये आउटपोस्ट 2020 में चीन के प्रस्तावित अन्तरिक्ष केंद्र के साथ समन्वय बनाकर चीन के साथ इस दिशा में सहयोग को आगे बढ़ा सकते हैं. इस तरह के निजी ठिकाने या केंद्र बनाना उनकी मंगल पर मानव बस्ती स्थापति करने के अभियान की रणनीति का पहला चरण है. उनका कहना है कि मंगल पर मंगल बस्ती बनाने का कार्य 'सायकलर (Cycler)'पर निर्भर होगा जो कि इन केन्द्रों  और मंगल के बीच मानव और सामग्रियां लाने ले जाने के प्रमुख साधन होंगे. 

इसके बाद आता है दूसरा चरण . बज एल्ड्रिन का कहना है कि इसके बाद हमें सबसे पहले मानवों को चन्द्रमा की यात्रा पर लाना-ले जाना होगा. इस कार्य के अंतर्गत लूनर बेस का निर्माण मुख्य होगा ताकि वहां पर मंगल में रहने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें और सम्बंधित तकनीक को पृथ्वी से दूर अन्तरिक्ष के वातावरण में परखा जा सके. 

अंतिम चरण में वे पृथ्वी और मंगल के बीच के लिए cyclers की बात करते हैं. उनके अनुसार ये सबसे अधिक महत्वपूर्ण होगा. वे मानते हैं कि अगर इस योजना पर कार्य किया जाए तो पृथ्वी के पास के क्षुद्र ग्रहों पर मानवों को 2020 तक ले जाना संभव हो जाएगा और शायद २०३० तक मानव पर रहने मनुष्य पहुँच जाए. और अगर एल्ड्रिन का दृष्टिकोण सच हुआ तो मंगल पर जाने वाले ये मानव केवल यात्री नहीं होंगे वरन मंगल ग्रह के प्रथम स्थायी निवासी होंगे. 

है ना रोचक! देखिये भविष्य में क्या होता है. तब तक मंगल पर मानव बस्ती के रोचक ख्यालों में खो जाइए. 

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