Sunday, January 29, 2017

भारतीय डाक टिकटों में अन्तरिक्ष विज्ञान

असीम अन्तरिक्ष के अनंत विस्तार में समाये असंख्य रहस्यों ने मानव मन में सदा से ही उत्सुकता और आश्चर्य के दीप जला रखे हैं. ऐसे में रोजाना के जीवन में उपयोगी डाक टिकिटों में भला इन्हें कैसे स्थान नहीं मिलता. भारत तो वैसे भी आध्यात्म के साथ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से संपन्न राष्ट्र रहा है, तो आज बात करते हैं भारत में छपे ऐसे डाक टिकिटों की जिनमें अन्तरिक्ष विज्ञान के सराहनीय प्रयासों का सम्मान किया गया है  - 

(नीचे दी गयी जानकारियों में कोई गलती हो या आपके पास अधिक जानकारियाँ हों तो आपकी प्रविष्टियों का स्वागत है)


संभवतः अन्तरिक्ष विज्ञान को समर्पित सबसे पहला भारतीय डाक टिकिट 1969 में ‘चन्द्रमा पर मानव के पहले कदम’ के ऐतिहासिक पड़ाव को सम्मानित करते हुए प्रकाशित किया गया था. ‘चन्द्रमा पर मनुष्य के चरण (Man on the Moon) शीर्षक के साथ प्रकाशित इस डाक टिकिट की कीमत रखी गयी थी 20 पैसे.

इस प्रथम टिकिट के बाद काफी सारे और भी डाक टिकिट प्रकाशित किये
गए जिनमें से मेरी जानकारी में जो हैं उनका उल्लेख यहाँ कर रहा हूँ – 
आर्वी उपग्रह भूमिकेंद्र (Arvi Satellite Earth Station) के नाम से 1972 में प्रकाशित डाक टिकिट जिसका मूल्य 20पैसे निर्धारित था. 



अन्तरिक्ष विज्ञान की दिशा में भारत के बढ़ते कदम का परिचायक 1975 में स्थापित हमारे पहले कृत्रिम उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ को समर्पित डाक टिकिट (मूल्य 25 पैसे)


आर्यभट्ट, भले ही भारत का पहला उपग्रह था, परन्तु इसका प्रक्षेपण तत्कालीन सोवियत रूस के सहयोग से किया गया था. बाद में भारत ने स्वयं अपने उपग्रह प्रक्षेपण की तकनीक विकसित की और इसके अंतर्गत SLV राकेट का उपयोग किया गया., 1979 में प्रथम रोहिणी अभियान की आंशिक सफलता के बाद 1980 में रोहिणी श्रंखला के द्वितीय उपग्रह (RS-1) को सफलता पूर्वक स्लव लांच व्हीकल के माध्यम से प्रक्षेपित और स्थापित किया गया. इस महान उपलब्धि को सम्मानित करते हुए 1981 में एक डाक टिकिट जारी किया गया जिसमें SLV-3 और रोहिणी उपग्रह की तस्वीरें अंकित थीं. इसका मूल्य एक रूपया निर्धारित किया गया था. 

1982 में भारत के पहले दूरसंचार उपग्रह एप्पल उपग्रह (APPLE Satellite) पर दो रुपये मूल्य का एक डाक टिकिट जारी किया गया था. एप्पल का पूरा नाम था - The Ariane Passenger Payload Experiment और इसे यूरोपियन अंतरिक्ष संस्था के सहयोग से स्थापित किया गया था. 

अगले वर्ष विश्व संचार वर्ष 1983 (World Communications Day) पर डाक टिकिट का प्रकाशन एक रुपये मूल्य वर्ग में किया गया. APPLE के सफलतापूर्वक सञ्चालन के बाद भारत विश्व के प्रमुख संचार संपन्न देशों में शामिल जो हो चूका था. 




सोवियत संघ के द्वारा स्थापित विश्व के प्रथम अन्तरिक्ष केंद्र या स्पेस स्टेशन साल्युत (Salyut) का सम्मान करते हुए भारत ने 1984 में इस पर तीन रुपये मूल्य वर्ग का डाक टिकिट प्रकाशित किया था. 

अगले वर्ष 1985 में अंतर्राष्ट्रीय खगोल विज्ञान संघ, नई दिल्ली (International Astronomical union, New Delhi) के अंकन के साथ आवर्ती पुच्छल तारे हैली का धूमकेतु (Halley’s Comet) के आगमन का स्वागत एक रुपये मूल्य वर्ग वाले डाक टिकिट से किया गया.वैसे हैली धूमकेतु का हमारे आंतरिक सौर मंडल में आगमन 1986 में हुआ था, जब इसे पृथ्वी से देखा गया था.   

आगे भी जारी...जल्द ही, इस आशा के साथ 



No comments:

Post a Comment

इस लेख और ब्लॉग के सम्बन्ध में आपके मूल्यवान विचारों का स्वागत है -
----------------------------------------------------------------------------------------------