Thursday, May 14, 2015

C/2007 E2 Lovejoy (लवजॉय) - एक अनावर्ती पुच्छल तारा

C/2007 E2 (लवजॉय), ©जॉन ड्रमंड
C/2007 E2 (लवजॉय) एक अनावर्ती (दोबारा ना आने वाला) पुच्छल तारा था जिसके खोज ऑस्ट्रेलिया के शौकिया एस्ट्रोनॉमर टेरी लवजॉय ने 15 मार्च 2007 में की थी. यह लवजॉय के द्वारा खोजा गया पहला धूमकेतु था. उन्होंने अब तक कुल पांच धूमकेतुओं की खोज की है. लगभग एक वर्ष से भी ज्यादा समय से पुच्छल तारे की खोज में लगे हुए लवजॉय ने इसकी खोज कैनन 350D कैमरे से सोलह 90 सेकंड्स के एक्सपोज़र के माध्यम से की थी. खोज के समय उन्होंने इसकी तीव्रता 9.5 अनुमानित की थी तथा उन्हें हरे रंग का कोमा भी नजर आया था. इस खोज की प्रथम स्वतंत्र पुष्टि लवजॉय के निवेदन पर न्यूज़ीलैण्ड के जॉन ड्रमंड द्वारा 16 मार्च को की गयी, जिन्होंने 9.5 तीव्रता के साथ  इसके कोमा का आकार 2.6 माना था.


धूमकेतु का परिक्रमा पथ सबसे पहले माइक मेयर के द्वारा 16 मार्च को इसके एक दिन से भी कम समय में विभिन्न स्थितियों के आधार पर प्रस्तावित किया गया था, जिनके अनुसार यह 27 मार्च 2007 को सूर्य के सबसे नजदीक होगा और तब इसकी दूरी 1.17 AU होगी. आधिकारिक तौर पर सबसे पहले इसके परिक्रमा पथ की गणना अमेरिका के बी.जी. मार्सडेन ने 18 मार्च को की थी. इसके लिए उन्होंने 3 दिनों के दौरान धूमकेतु की अलग-अलग 36 स्थितियों का अध्ययन किया और मार्च 27 को इसके नजदीकी होने का अनुमान व्यक्त किया और इसकी सूर्य से दूरी 1.09 AU मानी. मेयर के द्वारा लघु समय में की गयी गणना की इस आधिकारिक गणना के लगभग समतुल्य निकली जो कि एक बड़ी बात मानी गयी.धूमकेतु के खोज की घोषणा के पश्चात अनेक स्थानों से इसके सम्बन्ध में वैज्ञानिक गणनाएं करते रहे और कमोबेश सबका अनुमान नजदीकी ही रहा. 
 
अनुमान के अनुसार ही यह 27 मार्च 2007 को सूर्य से अपनी नजदीकी दूरी (सूर्य-नीच या perihelion) पर था उस समय इसकी चमक का परिमाण (magnitude) लगभग +8 था. जहां तक इसके कोमा के हरे रंग की बात थी तो इसका हरा रंग इसमें सायनोजेन और डाई-एटॉमिक कार्बन की प्रचुरता के कारण था.

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