भारत का पहला कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट १९७५ में सोवियत संघ के प्रक्षेपण केंद्र से रवाना हुआ और भारत का नाम अंतरिक्ष के क्षेत्र में इस एक उपलब्धि के साथ सुमार हो गया. परन्तु इस महत्वाकांक्षी परियोजना के मार्ग में अनेको चुनौतियां थी.
उस समय की स्थिति पर प्रकाश डालती ये दुर्लभ पुस्तक प्रिय राजेश कुमार भाई ने प्रेषित की है. डाउनलोड करें और भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान के रोचक इतिहास से परिचय बढायें.
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