Sunday, December 8, 2019

अपने ग्रह को वाष्पीकृत करता श्वेत वामन तारा

श्वेत वामन तारा और वाष्पीकृत होगा ग्रह 
क्या कभी आपने सुना है कि कोई ग्रह अपने सितारे से भी बड़ा हो. नहीं ना. पर कुछ ऐसा ही हमारे खगोलशास्त्रियों ने खोज निकाला है – वैसे सच बात यह भी है कि यह सितारा श्वेत वामन तारा (White Dwarf Star) है जो मृतप्राय हो चुका है. इस सितारे की परिक्रमा करने वाला ग्रह नेपच्यून के बराबर है और अपने सितारे से चार गुना बड़ा. और मरता हुआ यह सितारा अपने साथ इस ग्रह को भी नष्ट कर रहा है. भले ही इस सितारे में संलयन की प्रक्रिया बंद हो चुकी है लेकिन अभी भी इस सितारे का तापमान २८००० सेल्सियस के करीब है और यह इतनी उर्जा लगातार उत्सर्जित कर रहा है कि यह ग्रह से ३००० टन  के करीब सामग्री हर सेकंड वाष्पित कर रहा है जिससे यह ग्रह किसी पुच्छल तारे की तरह प्रतीत होता होगा जिसकी एक लम्बी पूँछ हो.



स्लोन डिजिटल स्काई सर्वे (Sloan Digital Sky Survey –SDSS) से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर वारविक के अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने इस सितारे और ग्रह का अध्ययन किया है. जहाँ एक ओर श्वेत वामन तारे मुख्यत ऑक्सीजन और कार्बन के बने होते हैं और उनमें हाइड्रोजन ख़त्म हो चुका होता है यह तारा अभी भी हाइड्रोजन की चिंगारी उगल रहा है. नजदीकी अध्ययन से पता चला कि इस तारे के चारों ओर वलयाकार संरचना या रिंग मौजूद है.  


वारविक विश्वविद्यालय के डॉ. बोरिस जीनसेक करते हैं कि आज तक ऐसी प्रणाली नहीं देखी गयी और यह एक अद्भुत सितारा है. इस सितारे का एक ग्रह भी है जिसे हम देख नहीं सकते क्योंकि अभी भी इसकी रौशनी काफी तेज है परन्तु यह निःसंदेह है कि सितारे की गर्मी ग्रह को वाष्पीकृत कर रही है और यह ग्रह तेजी से अपना वातावरण खो रहा है. इस खोज से इस बात को भी बल मिला है कि श्वेत वामन तारा मंडल में भी कोई ग्रह जीवित रह सकता है.

वैसे सभी श्वेत वामन तारे  (White Dwarf Stars) इतने गर्म नहीं होते. वैसे अनुमान के मुताबिक हमारी आकाशगंगा में ही करीब 10 अरब ऐसे तारे होंगे. इस प्रणाली को WDJ0914+1914 का नाम दिया गया है.

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