हमारे देश भारत का ऐतिहासिक
चंद्रयान-2 अपने 30 दिनों के अन्तरिक्षीय सैर के बाद आज मंगलवार 20 अगस्त 2019 को
चन्द्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित हो गया. इसरो के अनुसार यह इस चन्द्र-अभियान
की अब तक की सबसे मुश्किल कड़ी थी.
चन्द्रमा की कक्षा में
स्थापित करने के लिए इसकी गति और झुकाव को बिलकुल सहीं रखना जरूरी था, थोड़ी भी तेज
गति इसे चन्द्रमा से दूर सुदूर अन्तरिक्ष में फेंक देती वहीँ कम गति में चन्द्रमा
इसे खींचकर अपने धरातल पर ला पटकता और नष्ट कर देता.
लेकिन अभी परीक्षा समाप्त
नहीं हुयी है. अभी तीन बार इसकी कक्षा को धीरे-धीरे कम करते हुए इसे चन्द्रमा के
बिलकुल नजदीक दक्षिण ध्रुव की ओर ले जाना है. 2 सितम्बर को असली परीक्षा शुरू होगी
जब इसके लैंडर को अलग किया जाएगा और फिर क्रमशः गति कम करते-करते यह 7 सितम्बर को
चन्द्रमा के अनछुए धरातल पर उतरेगा.
ज्ञात हो कि चन्द्रमा के दक्षिण
ध्रुव पर पहुँचने वाला यह पहला अभियान होगा.
शुभकामनाओं के साथ
जय इसरो- जय भारत
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