Wednesday, May 30, 2018

रोशनी सोखने वाला अनोखा स्याह ग्रह WASP-104b

अन्तरिक्ष आश्चर्यों से भरा पड़ा है और मानव इनको खोजने में प्रयासरत. अक्सर इस प्रयास में ऐसी चीजों का पता चलता रहता है कि खगोल-वैज्ञानिक भी सोच में पड़ जाते है. 
कंप्यूटर द्वारा बनाया सांकेतिक चित्र - अपने सितारे के साथ स्याह ग्रह WASP-104b

इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है. अन्तरिक्ष वैज्ञानिकों ने धरती से 470 प्रकाशवर्ष दूर  बृहस्पति के आकार का एक ग्रह सुदूर सौर-मंडल में खोज निकाला है जिसके बारे में उनका दावा है कि यह स्याह ग्रह अपने सितारे डब्ल्यू ए एस पी - 104 (WASP-104) से आने वाली 97% रौशनी को सोख लेता है याने परावर्तित नहीं करता. जिसके कारण यह ग्रह स्याह याने गहरे काले रंग का दिखाई पड़ता है. उन्होंने इसके किसी कोयले से भी ज्यादा काले रंग के होने की सम्भावना प्रदर्शित की है.


डब्ल्यू ए एस पी - 104बी (WASP-104 B) के रूप में नामकृत इस ग्रह की खोज 2014 में कर ली गयी थी. 2018 में प्रकाशित ब्रिटेन की कील यूनिवर्सिटी (Keele University) के शोधकर्ताओं के द्वारा किये गए विस्तृत अध्ययन के अनुसार इस ग्रह के चारों ओर पोटैशियम और सोडियम का गहरा वातावरण आने वाले प्रकाश का 97% भाग सोख लेता है.  इस खोज के लिए उन्होंने नासा के केप्लर दूरदर्शी (Kepler Telescope) का इस्तेमाल किया गया था. यूनिवर्सिटी के एस्ट्रोफिजिक्स ग्रुप के प्रमुख टियो मॉक्निक के अनुसार यह ग्रह अभी तक खोजे गए सभी ग्रहों में से सबसे गहरे काले रंग का है क्यूंकि यह अपने तारे से आने वाले लगभग सम्पूर्ण प्रकाश को अवशोषित कर लेता है.  शायद यही कारण है कि इस रहस्यमय और रोचक ग्रह को इतने दिनों तक देखा नहीं गया.

अभी तक खोजे गए समस्त ग्रहों में से केवल दो ही ग्रह ऐसे हैं जो इस ग्रह से ज्यादा अन्धकार युक्त या काले हैं - TrES-2b और WASP-12b. इस ग्रह का आकार लगभग बृहस्पति के समान है. जहाँ इसका द्रव्यमान बृहस्पति से 1.272 गुना ज्यादा है वहीँ इसकी त्रिज्या केवल 1.137 गुनी ज्यादा. बृहस्पति की तरह ही यह ग्रह भी मुख्यतः गैसों का बना माना जा रहा है.


WASP-104b, WASP-104 नामक सितारे की परिक्रमा करता है. यह लगभग 3 अरब साल पुराना सितारा है जो सिंह राशि में विद्यमान है. इस ग्रह की अपनी धुरी पर परिक्रमा अवधि 1.8 दिन है और यह अपने सितारे से केवल 42 लाख किलोमीटर (4184294 KM) दूर स्थित है. इतने पास होने पर यह अपने सितारे से प्रचुर मात्रा में प्रकाश प्राप्त करता है लेकिन फिर भी रहता अन्धकार युक्त है. है न अनोखा! यही तो है अनंत-अद्भुत-अनजानी सी अन्तरिक्ष की रहस्यमय दुनिया ....

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