Thursday, March 8, 2018

चीन का पहला अन्तरिक्ष केंद्र टियानगॉन्ग-1 (Tiangong-1)


 
चीन का  पहला  अन्तरिक्ष केंद्र टियानगॉन्ग-1 (Tiangong-1)

भव्य इमारतों और इंजीनियरिंग के चमत्कारों के साथ ही चीन ने अन्तरिक्ष विज्ञान की दिशा में भी बड़ी तेजी से कदम बढाये हुए हैं. चीन के द्वारा नित-नए अंतरिक्ष अन्वेषणों और अभियानों की दिशा में लगातार प्रयास जारी है. अन्तरिक्ष विज्ञान में रुचि रखने वाले समस्त आमजनों और वैज्ञानिकों के लिए एक सक्रिय सहयोग अवश्य ही ज्ञान के नए रास्ते खोलते रहेगा. आने वाले दिनों में विश्व की सबसे बड़ी दूरबीन और प्रस्तावित चन्द्र-अभियान नया इतिहास रचेंगे ऐसी आशा है.

फिलहाल आज बात करते हैं - चीन के पहले अन्तरिक्ष केंद्र टियानगॉन्ग-1 (Tiangong-1) की. इस चीनी शब्द का अर्थ है - 'स्वर्ग का महल'. टियानगॉन्ग-1, चीन का पहला प्रोटोटाइप अन्तरिक्ष केंद्र है. इस अन्तरिक्ष केंद्र का उद्देश्य अन्तरिक्ष अभियानों में यानों की डॉकिंग और प्रयोगशाला उपलब्ध कराना था. यह अन्तरिक्ष केंद्र 29 सितम्बर 2011 को प्रक्षेपित किया गया था तथा इसका जीवन काल अनुमानित 2 वर्ष माना गया था. यह टियानगॉन्ग कार्यक्रम का पहला अंश है और 2023 तक दुसरे और तीसरे वृहद् मोड्यूल इसका स्थान ले लेंगे.

अपने प्रस्तावित सक्रिय दो-वर्षीय जीवनकाल में इस अन्तरिक्ष केंद्र ने चीन के सफल शिनझाऊ अन्तरिक्ष यान श्रृंखलाओं को कई बार अपनी सेवा प्रदान की. सबसे पहले मानव-रहित शिनझाऊ-8 (Shenzhou-8) इसके डॉकिंग मोड्यूल के साथ सफलतापूर्वक सम्बंधित हुआ. इसके तुरंत बाद शिनझाऊ श्रृंखला के अगले मानवयुक्त अन्तरिक्ष अभियान शिनझाऊ-9
(Shenzhou-9) और शिनझाऊ-10 (Shenzhou-10) भी इस तक पहुंचे. इन मानवयुक्त अभियानों में चीन की पहली महिला अंतरिक्षयात्री लिऊ यैंग (Liu Lang) और वैंग यपिंग (Wang Yaping) भी गयी थीं.

2 साल के बाद इस अन्तरिक्ष केंद्र पर भले ही कोई अन्तरिक्ष अभियान ना पहुंचा हो परन्तु 21 मार्च 2016 तक यह कार्यरत रहा था जब अन्तरिक्ष अनुसन्धान केंद्र के वैज्ञानिकों ने पाया के इससे सम्बन्ध स्थापित नहीं हो पा रहा है. उस वक्त यह अनुमान लगाया गया था कि 10 किलोमीटर प्रति माह की रफ़्तार से यह नीचे धरती की ओर आ रहा है और अप्रैल 2018 में किसी समय यह धरती के वातावरण में प्रवेश करेगा और जल उठेगा. यह गणना लगभग सहीं साबित हुयी और चीन का यह पहला स्पेस स्टेशन Tiangong-1 धरती से जल्द ही टकराने वाला है. 8.5 टन वजनी स्पेस लैब पृथ्वी के किस क्षेत्र में गिरेगा, इस बारे में अनुमान लगाना अभी मुश्किल है. यह माना जा रहा है कि इस स्पेस स्टेशन में खतरनाक रसायन भरा हुआ है, जो घातक साबित हो सकता है. इसका निरीक्षण करने वाली संस्थाओं का अनुमान है कि ये 24 मार्च 2018 से 19 अप्रैल 2018  के बीच धरती पर गिरेगा.

भविष्य में क्या होगा यहं तो नहीं पता, परन्तु यह गौरवशाली अन्तरिक्ष केंद्र की विदाई का अवसर है. वैसे भी चीन ने इस अन्तरिक्ष केंद्र को कभी भी स्थायी अन्तरिक्ष केंद्र के रूप में नहीं देखा था, यह एक परीक्षण प्रयास था जिसने आशातीत सफलता अर्जित की.  इस आशा के साथ कि जल्द ही इस श्रृंखला का उन्नत अन्तरिक्ष केंद्र जल्द ही इसका स्थान लेने प्रक्षेपित होगा.

अन्तरिक्ष विज्ञान की आशामय खोजों के साथ ...

3 comments:

  1. अच्छी जानकारी

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  3. 31 मार्च 2018 से 2 अप्रैल 2018 के बीच के बीच धरती पर गिरेगा|

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