Friday, March 31, 2017

वाष्पीकृत होता ग्रह CoRoT-2b

अन्तरिक्ष की दुनिया अद्भुत चीजों से भरी पड़ी है. लगातार विस्तृत होते अन्तरिक्ष में नित-नए चमत्कार होते रहते हैं. मानव अपने सीमित संसाधनों से इस असीमित दुनिया को जानने का प्रयत्न लगातार कर रहा है और जितना ही नया जानता है उतना और जानने को उत्सुक हो उठता है. रोचकता का इस क्षेत्र में अंत ही नहीं है.

एक ऐसा ही अद्भुत नजारा अन्तरिक्ष में है - अक्विला नक्षत्र समूह में स्थित ग्रह कोरोट-2b (CoRoT-2b). इस ग्रह पर गैसों का डेरा है जो लगातार घूर्णन गति में हैं - कुछ कुछ अपने बृहस्पति जैसा. पर जो बात इसे अलग बनती है वह है इसकी अपने सितारे से नजदीकी. इस ग्रह के बिलकुल नजदीक में इसका विशाल तप्त सूर्य अपना भयंकर मुंह खोले खड़ा है जिससे वह खतरनाक एक्स-रे विकिरण छोड़ रहा है. यह विकिरण हमारे सूर्य द्वारा पृथ्वी को प्राप्त विकिरण से लाखों गुना ज्यादा है जिससे यह ग्रह लगातार अपने विनाश को ओर बढ़ रहा है . और तो और अन्धकार से भरे विशाल निशानों से भरा यह सितारा अपने गुरुत्वाकर्षण से इस ग्रह को नष्ट होने की कगार तक अपने समीप ले आया है.

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सितारे के इस अन्याधिक एक्स-किरण विकिरण की वजह से यह ग्रह वाष्पीकृत हो रहा है. यह विकिरण तीव्र गति से पवन भी उत्पन्न करता है जिससे ग्रह से कण अलग होकर अन्तरिक्ष में पहुँच रहे हैं. हर एक सेकंड में यह तीव्र पवन इस ग्रह के सतह से 4५ लाख टन कण उड़ा ले जा रहा है, मानों जैसे धूमकेतु के कोर या केन्द्रक से जैसे कण सूर्य की तेज ऊष्मा से वाष्पीकृत होते रहते हैं. किसी ग्रह पर ऐसे नज़ारे वाला दृश्य संभवतः पहली बार ज्ञात हुआ है.

वाकई, अन्तरिक्ष की दुनिया अनोखी और रोचकता से परिपूर्ण है. 

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