विगत वर्षों में चीन ने अपने अन्तरिक्ष अनुसन्धान कार्य में तेजी लायी है और चाँद पर जाने वाले चुनिन्दा देशों की कतार में खड़ा हो चूका है. परन्तु विगत दिनों चीन ने अपने महत्वाकांक्षी अन्तरिक्ष योजना के अंतर्गत घोषणा की है कि वह चाँद के धरती से नजर ना आने वाले सुदूर या अँधेरे क्षेत्र (धरती से हम चाँद का केवल एक हिस्सा देख पाते हैं, दुसरे भाग की तस्वीर हमें अन्तरिक्ष में भेजे विभिन्न अभियानों से ही प्राप्त हुयी है) में जाने का इच्छुक है और उसने 2018 के लिए प्रस्तावित इस अभियान की व्यापक तैयारियां भी प्रारंभ कर दी है.
चाँद पर वैसे तो दर्जनों अभियानों के तहत विभिन्न अन्तरिक्ष यान (मानव रहित और मानवीय ) भेजे जा चुके हैं, परन्तु अगर चीन अपने अभियान में सफल हुआ तो वह ऐसा करने वाले विश्व का प्रथम देश बन जाएगा क्यूंकि अभी तक किसी भी अभियान में चाँद के सुदूर क्षेत्र में अन्तरिक्ष यान नहीं उतारा गया है.
इस प्रस्तावित लूनर प्रोब का नाम चैंग-इ- 4 (Chang'e-4) रखा गया है. चीन अन्तरिक्ष में यान भेजने और उन्हें पुनः वापस लाने की तकनीक पर काम कर रहा है. इस अभियान के तहत चीन चन्द्रमा की धरातलीय संरचाने का अध्ययन करेगा और उसके धरातल से नमूने एकत्रित करेगा ताकि चन्द्रमा के बनने की प्रक्रिया के बारे में और विस्तृत जानकारी उपलब्ध हो सके.
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