
भारतीय अंतरिक्ष अनुसन्धान केंद्र (इसरो) के चैरमैन ए. एस. किरण कुमार ने अभियान की सफलता की घोषणा की और बताया की उपग्रह को सुनिश्चित कक्षा में स्थापित किया गया है.
इसका प्रक्षेपण वैसे मार्च 9 के लिए प्रस्तावित था परन्तु कुछ तकनीकी खराबी की वजह से इसे रद्द करना पड़ा था. पर आज के प्रक्षेपण में सब कुछ ठीक रहा. प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी. कुन्हीकृष्णन के अनुसार आज का अभियान महत्वपूर्ण था क्यूंकि नेविगेशन प्रक्रिया शुरू करने के लिए न्यूनतम आवश्यकता थी कि कम से कम चार उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया जाए. इस उपग्रह का जीवन दस वर्षों के हिसाब से बनाया गया है. अगर यह पूरी श्रंखला सफल होती है तो हम यूनाइटेड स्टेट्स के ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम की बराबरी कर लेंगे.
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