कुछ दिनों पहले १० अक्टूबर को एक विलक्षण घटना सुदूर अंतरिक्ष में घटित हुयी. एक पुच्छल तारा सूर्य के गर्त में समा गया और नष्ट हो गया. अपनी नियति में नष्ट होना लिखाकर इससे लगभग छः सप्ताह पूर्व ठीक इसी तरह सूर्य के आगोश में एक और धूमकेतु समा गया था. ये घटना इसलिए भी रोचक है क्योंकि बस कुछ ही दिनों में एक और बर्फीला धूमकेतु हमारी ओर आ रहा है – ISON जिसके बेहद चमकीला और शानदार होने की पूरी सम्भावना है और वैज्ञानिक बड़ी बेसब्री से इसका इन्तजार कर रहे हैं - . वैसे आकर में काफी बड़े इस पुच्छल तारे के बच निकलने की काफी सम्भावना रहेगी परन्तु यह भी सन ग्रेज़र पुच्छल तारों की श्रेणीं में है.
सूर्य में छलांग लगाने वाला यह बेनाम पुच्छल तारा महज ३३ फीट या १० मीटर चौड़ा था, इसलिए हमारे सितारे के साथ नजदीकी मुलाकात में इसके बचने की वैसे भी कोई सम्भावना नहीं थी. सूर्य में समा जाने की इस घटना को सोहो (सोलर एंड हेलिओस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी स्पेस क्राफ्ट) ने विस्तृत रूप में अध्ययन किया है तथा विडियो और अन्य डाटा अनुसंधान केन्द्रों को प्रेषित किये हैं. सोहो, नासा और यूरोपियन स्पेस एजेंसी का संयुक्त अभियान है.
सूर्य में नष्ट हुआ यह छोटा पुच्छल तारा क्रयूत्ज़ (जर्मन अंतरिक्ष वैज्ञानिक और अन्वेषक) सन ग्रेज़र्स पुच्छल तारों के परिवार से सम्बंधित है. ऐसा अनुमान हैं कि ये पुच्छल तारें जिनके परिक्रमा पथ सूर्य से बेहद नजदीक हैं, हजारों वर्ष पहले नष्ट हुए या टुकड़ों में बटे हुए किसी विशाल धूमकेतु के अवशेष हैं जो धीरे-धीरे अपने अंतिम नियति को प्राप्त हो रहे हैं. सूर्य के आस-पास ऐसे और कई धूमकेतु हो सकते हैं जिनके बारे में लगातार खोज और अध्ययन जारी है.
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