Monday, August 26, 2013

एड्रास्टिया (Adrastia) - बृहस्पति का आतंरिक चंद्रमा

गैलिलियो स्पेस क्राफ्ट से लिया गया एड्रास्टिया का चित्र
एड्रास्टिया बृहस्पति (जुपिटर) के ज्ञात समस्त चंद्रमाओं में दूरी के अनुसार दुसरे क्रम पर स्थित है, यह गैलिलियन चंद्रमाओं के पहले स्थित चार आतंरिक चंद्रमाओं में से सबसे छोटा है . इसे  जुपिटर के नाम से भी जाना जाता है.

एड्रास्टिया को 1979 में वायेजर 2 प्रोब द्वारा लिए गए चित्रों के मध्य से खोजा गया था. यह खोज डेविड सी. जेविट और जी. एडवर्ड डेनियलसन द्वारा की गयी थी और इसे S/1979 J 1 का नाम दिया गया था. यह किसी अंतरिक्ष यान द्वारा लिए गए चित्रों में से खोजा जाने वाला सबसे पहला उपग्रह था. इसकी खोज के पश्चात् वायेजर 1 द्वारा पूर्व में लिए गए चित्रों का अध्ययन किया गया था और थेबे और मेटीस की खोज हुयी थी. इसका आधिकारिक नाम ग्रीक देवता ज़ीउस (ग्रीक देवता जो रोमन देवता जुपिटर के समान है) की सौतेली माँ एड्रास्टिया के नाम पर रखा गया. चित्र में यह चन्द्रमा केवल एक बिंदु के रूप में दिखाई देता था जिससे इसके बहुत छोटे आकार का पता चला था परन्तु कोई भी विस्तृत जानकारी प्राप्त नहीं हो पायी थी जब तक गैलिलियो अंतरिक्ष यान ने अपने अभियान के अनुसार वर्ष 1998 में एड्रास्टिया की सतह के विस्तृत चित्र भेजे परन्तु चित्रों के बेहद धुंधले होने के कारण हमें इसके बारे में केवल थोडा ही और समझने का अवसर प्राप्त हुआ.

मेटीस की तरह ही एड्रास्टिया अपने ग्रह बृहस्पति से ज्वारीय रूप से बंधा हुआ है. साथ ही यह बृहस्पति की एक परिक्रमा अपने ग्रह के एक दिन से भी कम समय में कर लेता है. ऐसा करने वाला एकमात्र दूसरा उपग्रह मेटीस है. ज्वारीय बंध के कारण इसका केवल एक ही भाग हमेशा बृहस्पति की ओर रहता है. इसका परिक्रमा पथ जुपिटर के मुख्य वलय के अन्दर अपने ग्रह से केवल 129000 किलोमीटर की दूरी स्थित है इसलिए जुपिटर की ज्वारीय बल इसके कक्ष को धीरे धीरे कम करता जा रहा है और एक दिन यह अपने ग्रह से टकरा जाएगा.

इसे वलयों के पदार्थों के प्रमुख स्त्रोत के रूप में भी देखा जाता है जो कि शायद उल्कापिंडों के टकराव के कारण इससे अलग हुए हों. ऐसा माना जाता है कि शायद वलय के अधिकाँश पदार्थ इसी से प्राप्त हुए होंगे क्योंकि इसके पास के वलय घने हैं. 


आकार में अत्यधिक विषमता लिया यह उपग्रह बहुत छोटा केवल 20x16x14 किलोमीटर के आकार का है जो कि इसे बृहस्पति के आतंरिक चंद्रमाओं में सबसे छोटा बनाती है . इसकी संरचना के बारे में प्राप्त जानकारी के अनुसार ऐसा माना जाता है कि यह मुख्य रूप से पानी की बर्फ से बना है.

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