Friday, November 8, 2013

आर्यभट - भारत का पहला कृत्रिम उपग्रह

आर्यभट भारत का पहला कृत्रिम उपग्रह था जिसका नाम महान भारतीय अन्तरिक्ष विज्ञानी या खगोलवेत्ता के सम्मान में उनके नाम पर रखा गया था. इस 360 किलोग्राम वजनी उपग्रह का प्रक्षेपण सोवियत संघ के द्वारा 19 अप्रैल 1975 को कापुस्तिन यार (Kapustin Yar) से कॉसमॉस – 3M लांच व्हीकल के द्वारा किया गया था. इसका निर्माण भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के द्वारा कृत्रिम उपग्रहों के निर्माण और अन्तरिक्ष में उनके संचालन मंं अनुभव प्राप्त करने के दृष्टिकोण से किया गया था, ताकि भविष्य में भारत भी अपने प्रयोग हेतु स्वयं उपग्रह का निर्माण करने में आत्मनिर्भर हो सके. मुख्य रूप से इसके निर्माण का उद्देश्य क्ष-किरण (एक्स-रे) अन्रारिक्ष विज्ञान, वायुविज्ञान और सूर्य भौतिकी से सम्बंधित परीक्षणों को पूर्ण करना था. 

96.3 मिनट के अपने कक्षीय परिक्रमाकाल में 50.7अंश के झुकाव के साथ इसे निचले ऑर्बिट में स्थापित किया गया था जहां  इसकी पृथ्वी से अधिकतम दूरी (एपोगी) 619 किलोमीटर और न्यूनतम दूरी (पेरिगी) 563 किलोमीटर रखी गयी थी.  

1.4 मीटर व्यास वाले इस अंतरिक्ष यान या उपग्रह का आकार 26 भुजाओं वाले बहुभुज का था. कार्य करने के लिए आवश्यक ऊर्जा की पूर्ती के लिए इसके केवल उपरी और निचले भाग को छोड़कर सभी ओर सोलर पैनल लगे हुए थे. दुर्भाग्यवश अपने परिक्रमापथ में केवल 4 दिन बिताने के पश्चात् पॉवर फेलियर की वजह से सभी प्रयोगों पर विराम लग गया और केवल 5 दिनों तक कार्य करने के पश्चात इस उपग्रह से सिग्नल मिलने बंद हो गए. 

इस उपग्रह के साथ भारत ऐसी क्षमता वाले चुनिन्दा देशों में शामिल हो गया जिनके पास उपग्रह निर्माण की तकनीक थी.
भले ही यह मिशन जल्द समाप्त हो गया परन्तु सोवियत संघ के सहयोग से हुआ यह ऑपरेशन भारतीय इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में अंकित है. इस अभूतपूर्व मिशन की याद में भारतीय मुद्रा के २ रुपये मूल्य के पेपर नोट में इसकी तस्वीर 1976 (प्रक्षेपण के अगले वर्ष) से लेकर 1999 में इस वर्ग के नोट का प्रकाशन बंद होने तक इस उपग्रह का चित्र अंकित रहा था.

2 comments:

  1. mujhe pata nahi that ki aryabhatt keval 4 din tak hi operational raha space me par jo bhi ho ye bharat ke liye garv ki baat thi usne bhi kritrim upgrah antriksha me bhejkar antriksha yug me pravesh kar liya tha.....
    aur is do rupyee ke note ko kaise bhul sakta hun main, bahut purane design ki note hai ye to, ab to milti bhi nai....... ise dekhkar purani yaadein taza ho gayin.....:)
    dhanyawaad anupam ji....

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  2. कुछ नई तो कुछ पुरानी जानकारी
    शुक्रिया....

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