Thursday, November 14, 2013

मंगल यान - कक्षा उन्नयन के पांच चरण संपन्न

मंगल यान - प्रक्षेपण के दौरान
भारत के बहुप्रतीक्षित और महत्वाकांक्षी मंगल यान परियोजना की कक्षीय दूरी बढाने की प्रथम तीन सफल प्रयत्नों के पश्चात् 10  नवम्बर को किया गया कक्षा उन्नयन की प्रक्रिया ईंधन के रिसाव की तकनीकी गड़बड़ी की वजह से अपूर्ण या आंशिक सफल रही.

मंगल यान के प्रक्षेपण के समय 1 दिसम्बर को पृथ्वी की कक्षा छोड़कर इसे मंगल की ओर रवाना करने से पहले कुल 6 कक्षा उन्नयन अभियान प्रस्तावित किये गए थे जिनके लिए 6, 7, 8, 10, 11, 16 नवम्बर की तिथि निर्धारित थी. इस प्रक्रिया का उद्देश्य था कि धरती के गुरुत्वीय बंध से निकलने के लिए आवश्यक एस्केप वेलोसिटी (11.2 km/s) को धीरे धीरे प्राप्त करना, जिसके पश्चात इसे मंगल की दिशा में रवाना किया जाए. प्रथम तीन सफल चरणों के पश्चात चौथा अभियान तकनीकी गड़बड़ी की वजह से अधूरा रह गया जिसे पूरा करने के लिए एक पूरक अभियान के तहत चौथे अभियान हेतु निर्धारित १ लाख किलोमीटर की एपोगी का लक्ष्य प्राप्त किया गया.  

प्रस्तुत है संपन्न चरण – सक्षेप में

प्रथम  कक्षा उन्नयन –

प्रथम कक्षीय उन्नयन अभ्यास 6 नवम्बर 2013 को किया गया जिसमे 440 न्यूटन तरल ईंधन के दहन के साथ अंतरिक्ष यान को 416 सेकंड में 28,825 किलोमीटर की एपोगी तक ले जाया गया वहीँ पेरोगी को 252 किलोमीटर रखा गया.

द्वितीय कक्षा उन्नयन –
द्वितीय कक्षा उन्नयन अभ्यास  7 नवम्बर 2013 को किया गया जिसमे अंतरिक्ष यान को 570.6 सेकंड में 
40,186  किलोमीटर की एपोगी तक ले जाया गया

तृतीय कक्षा उन्नयन –
प्रथम कक्षीय उन्नयन अभ्यास 8 नवम्बर 2013 को सफलतापूर्वक पूर्ण किया गया जिसमे अंतरिक्ष यान को 707 सेकंड में 71636 किलोमीटर की एपोगी तक ले जाया गया.


चतुर्थ कक्षा उन्नयन -
10 नवम्बर को किये गए चतुर्थ अभ्यास में तरल ईंधन में रिसाव की वजह से प्रस्तावित 135 m/s की गति के स्थान पर केवल 35 m/s की गति प्राप्त हो पाई जिसका कारण तरल एपोगी मोटर के द्वारा ईंधन का पूर्ण दहन न हो पाना बताया गया. इस तकनीकी खराबी के कारण लक्षित 1 लाख किलोमीटर की एपोगी के स्थान पर अन्तरिक्ष यान को केवल 78276 किलोमीटर की एपोगी तक पहुचाया जा सका, जो की तीसरी प्रयत्न में प्राप्त एपोगी से केवल थोड़ी ही ज्यादा थी.


पंचम कक्षा उन्नयन (पूरक)
चतुर्थ कक्षा उन्नयन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए एक अनिर्धारित अभियान के तहत 12 नवम्बर 2013 को एक पूरक प्रयत्न के रूप में पांचवी बार कक्षा उन्नयन किया गया और एपोगी को सफलतापूर्वक 1,18,642 किलोमीटर की एपोगी तक लाया गया.

अगला अभियान अब 16 नवम्बर 2013 को प्रस्तावित है. अगर सब ठीक रहा तो अब केवल आखिरी उन्नयन कार्य 1 दिसम्बर को किया जाएगा और मंगल यान लाल ग्रह की ओर अपनी लम्बी यात्रा पर निकल पड़ेगा.

1 comment:

  1. meri ishwar se prathna hai ki aakri charan puri tarah se safal ho bharat ka naam antriksha itihaas me swarna akshron me likha jaye.....

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